केरल के तट पर हलचल मची हुई है। भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) ने सभी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें 2 मीटर तक ऊंची लहरों और कल्लक्कडल (अचानक उठने वाली लहरें) की चेतावनी दी गई है, जिससे तटीय कटाव और समुद्र में अचानक उछाल आ सकता है।
केरल मौसम की चेतावनी

यह अचानक नहीं हुआ है। उच्च ऊर्जा वाली लहरें बिना किसी चेतावनी के आने की उम्मीद है। जब वसंत की ज्वार के साथ मिलकर यह बाढ़, घरों को नुकसान, सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं और यहां तक कि नदी के किनारों के ढहने का कारण बन सकती है।
कौन प्रभावित है?
- तटीय निवासी: निचले इलाकों में समुद्री पानी का बहाव बढ़ सकता है।
- मछुआरे और नाव मालिक: नुकसान से बचने के लिए छोटे जहाजों और गियर को किनारे पर बांध दिया जाना चाहिए या खींच लिया जाना चाहिए।
- समुद्र तट पर जाने वाले और पर्यटक: अधिकारी सभी को सलाह दे रहे हैं कि अलर्ट हटने तक समुद्र तटों और तट के पास की गतिविधियों से दूर रहें।
क्या किया जा रहा है?
भारी बारिश, तेज़ हवाओं (40-60 किमी/घंटा) और उच्च समुद्र के लिए IMD अलर्ट जारी किए गए हैं – तटीय कटाव और बाढ़ की आशंका है
बड़ी तस्वीरयह चल रहे मानसून की अशांति के ऊपर है। यह है।
क्या?
- सुरक्षित रहें।
- नावों और मछली पकड़ने के गियर को सुरक्षित रखें। हैच लॉक करें, लाइनें बांधें, जहाजों को अच्छी तरह से लंगर डालें।
- अलर्ट का पालन करें।