हिमाचल प्रदेश, जो अपने शांत पहाड़ों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, अब प्रकृति के प्रकोप का सामना कर रहा है। पिछले 10 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने दुखद रूप ले लिया है, जिससे राज्य भर में 44 लोगों की जान चली गई है। मौसम विभाग ने कई इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें निवासियों और पर्यटकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।
हिमाचल प्रदेश लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बनी
पिछले सप्ताह हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन हुआ, सड़कें अवरुद्ध हुईं और गांवों में बाढ़ आ गई। अधिकारियों ने घरों, सड़कों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की सूचना दी है। शिमला, कुल्लू और मनाली जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर यातायात बाधित हुआ है और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को बंद कर दिया गया है।
44 लोगों की जान चली गई, खोज और बचाव कार्य जारी
रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन, घर गिरने और फिसलन भरी सड़कों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं सहित बारिश से संबंधित घटनाओं में 44 लोगों की मौत हो गई है। एनडीआरएफ और राज्य आपदा दल फंसे हुए निवासियों और पर्यटकों को निकालने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। पहाड़ी इलाके बचाव अभियान को कठिन बना रहे हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर और स्थानीय स्वयंसेवकों की मदद से बचाव कार्य जारी है।

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कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी
IMD ने कुल्लू, मंडी, चंबा, कांगड़ा और शिमला के कुछ हिस्सों सहित कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। निवासियों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है, खासकर पहाड़ी इलाकों में जहां भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की आशंका है। एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाकों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
पर्यटकों से यात्रा की योजना टालने को कहा गया
गर्मियों की छुट्टियों के लिए पसंदीदा हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सीजन में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिल रहा है। सड़कें बंद होने और बारिश जारी रहने के कारण अधिकारियों ने पर्यटकों से मौसम के स्थिर होने तक अपनी यात्रा की योजना टालने को कहा है। होटल एसोसिएशन और स्थानीय अधिकारी मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि फंसे हुए पर्यटकों को सहायता और आवश्यक आपूर्ति मिल सके।
आगे क्या? हिमाचल के लिए मौसम पूर्वानुमान पूर्वानुमान के अनुसार अगले 48 घंटों तक बारिश से कोई राहत नहीं मिलेगी। अधिकारी नदी के जलस्तर पर नज़र रख रहे हैं, खास तौर पर ब्यास, रावी और सतलुज बेसिन में, जहाँ बाढ़ का खतरा बना रहता है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अस्थायी तौर पर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।
हेल्पलाइन नंबर और सुरक्षा निर्देश
स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार ने निवासियों और पर्यटकों के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन सक्रिय की हैं:
आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन: 1070
पर्यटक सहायता: 1364
स्थानीय लोगों को सलाह दी जाती है कि वे घर के अंदर रहें, नदी के किनारों से दूर रहें और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में न जाएँ। रेडियो, टेलीविज़न और आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के ज़रिए नियमित अपडेट प्रसारित किए जा रहे हैं।