भारत मौसम की मुख्य खबरें: हिमाचल में भारी बारिश से 52 लोगों की मौत; दिल्ली में कल के लिए येलो अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर, मृतकों की संख्या 52 पहुँची

हाल के वर्षों में यह सबसे खराब मानसूनी मौसम रहा है और हिमाचल प्रदेश लगातार हो रही बारिश के कहर से जूझ रहा है, जिसमें अब तक 52 लोगों की जान जा चुकी है। भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और मकान ढहने से कई कस्बे और गाँव आपदाग्रस्त हो गए हैं और बचाव एवं राहत अभियान ज़ोरों पर हैं।

अधिकारियों का कहना है कि मंडी, कुल्लू, शिमला और सोलन सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं, जहाँ सड़कें बह गईं और पुल ढह गए। कई दूरदराज के इलाकों में लोग अभी भी राहत का इंतज़ार कर रहे हैं क्योंकि संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।

ग्राउंड ज़ीरो से चश्मदीदों के बयान

कई बचे लोगों ने मूसलाधार बारिश के बीच छतों पर रातें बिताईं, बचाव के इंतज़ार में। कुल्लू के रमेश ठाकुर ने कहा, “मैंने अपनी ज़िंदगी में ऐसी बारिश कभी नहीं देखी। हम चारों तरफ़ पानी से घिरे हुए थे। हमारे पास न बिजली थी, न खाना – बस उम्मीद थी।”

सोशल मीडिया पर बहते घरों और कागज़ की नावों की तरह तैरते वाहनों की तस्वीरें भरी पड़ी हैं, जिससे अफ़रा-तफ़री और दहशत और बढ़ गई है।

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आईएमडी ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया

उत्तर-पश्चिमी पहाड़ी राज्य बाढ़ से जूझ रहे हैं, वहीं भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली-एनसीआर के लिए अगले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब मानसून के बादल राजधानी पर मंडरा रहे हैं और यातायात बाधित होने और स्थानीय स्तर पर बाढ़ आने की संभावना है।

आईएमडी के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, गुरुग्राम, नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश हो सकती है।

राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और राहत प्रयास

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने हिमाचल प्रदेश और आसपास के इलाकों में फंसे हुए लोगों को निकालने और आवश्यक सामग्री पहुँचाने के लिए टीमें तैनात की हैं। दुर्गम इलाकों में हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है। केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही है और प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से शांति बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि संपर्क बहाल करना और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जलवायु संकट और चरम मौसमी घटनाएँ: एक पैटर्न?

विशेषज्ञ एक बार फिर इस ओर इशारा कर रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन भारत के मानसून पैटर्न को कैसे बदल रहा है। कम समय में बेमौसम भारी बारिश आम होती जा रही है और इससे तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए बहुत कम समय मिल रहा है। दिल्ली जैसे शहरी क्षेत्र और हिमाचल जैसे ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्र, दोनों ही अपने-अपने तरीके से संवेदनशील हैं।

जलवायु विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का बदलता मानसून व्यवहार शहरी जल निकासी बुनियादी ढाँचे और पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मज़बूत करने के लिए एक चेतावनी है, खासकर पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में।

हम भारी मन से देख रहे हैं कि कैसे जानें बचाई जा रही हैं, सामान्य स्थिति बहाल हो रही है और आने वाले दिनों में और भी मुश्किलों का सामना करने की तैयारी की जा रही है। अगर आप दिल्ली और आसपास के इलाकों में हैं तो सतर्क रहें, यात्रा करने से बचें और स्थानीय अपडेट्स पर नज़र रखें।

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