केरल में मानसून आमतौर पर 1 जून को आता है, लेकिन इस बार यह 24 मई को आ गया। यह 2009 के बाद से सबसे जल्दी आगमन है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को घोषणा की कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून केरल में समय से आठ दिन पहले पहुंच गया है।
गोवा में भारी बारिश की चेतावनी
गोवा में भारी बारिश की चेतावनी जारी है। IMD ने रविवार तक अत्यधिक भारी बारिश की संभावना की है। पिछले 24 घंटों में पोंडा, धारबांदोडा और मडगांव में क्रमशः 162 मिमी, 124.2 मिमी और 123.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गोवा में भारी बारिश से बाढ़ और भूमि कटाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अन्य राज्यों में मौसम की स्थिति
राजस्थान में बीकानेर और जोधपुर संभाग में अधिकतम तापमान 46 से 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। पूर्वी भारत में पूर्वी हवाओं के कारण तापमान में वृद्धि और लू की संभावना है।
केरल में कृषि पर प्रभाव
केरल में मानसून का समय से पहले आगमन कृषि के लिए शुभ संकेत है। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए यह उपयुक्त समय है। हालांकि, गोवा में अत्यधिक बारिश से कृषि गतिविधियों पर प्रभाव पड़ सकता है।
केरल में मानसून का समय से पहले आगमन और गोवा में भारी बारिश की चेतावनी मौसम के असामान्य परिवर्तन को दर्शाती है। आगामी सप्ताह में इन राज्यों में मौसम की स्थिति में और बदलाव की संभावना है। संबंधित अधिकारियों और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि वे इन परिवर्तनों के लिए तैयार रह सकें।

केरल में मानसून का जल्दी आगमन और गोवा में रेड अलर्ट से जुड़े :
केरल में मानसून कब पहुंचा 2025 में?
केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई 2025 को पहुंचा, जो सामान्य तिथि (1 जून) से आठ दिन पहले है।
यह अब तक का सबसे जल्दी मानसून आगमन है?
नहीं, लेकिन यह 2009 के बाद का सबसे जल्दी मानसून आगमन है, जो ऐतिहासिक रूप से काफी दुर्लभ माना जा रहा है।
गोवा में IMD ने रेड अलर्ट क्यों जारी किया?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गोवा में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी के कारण रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे बाढ़ और जलभराव जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
मानसून के जल्दी आने का कृषि पर क्या असर होगा?
मानसून के जल्दी आने से खरीफ फसलों की बुवाई जल्दी शुरू की जा सकती है, जिससे किसानों को लाभ हो सकता है। हालांकि, अत्यधिक बारिश से फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।
अन्य राज्यों में भी मानसून का असर दिखेगा?
हाँ, IMD के अनुसार आने वाले दिनों में मानसून धीरे-धीरे महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर भारत की ओर बढ़ेगा, जिससे वहाँ भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
मानसून के जल्दी आने से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ता है?
हाँ, अचानक और भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं, खासकर तटीय और पहाड़ी इलाकों में。
मानसून का जल्दी आगमन जल आपूर्ति के लिए क्या संकेत देता है?
यह जलाशयों और भूजल स्तर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है, जिससे पानी की आपूर्ति में सुधार संभव है, खासकर दक्षिण भारत में。
Premature monsoon in Kerala: Red alert in Goa