भारत में ऋतुएँ: जानें मौसम, समय और जलवायु की पूरी जानकारी

भारत की जलवायु उसके लोगों और संस्कृति की तरह ही विविधतापूर्ण है। उत्तर में बर्फीले हिमालय से लेकर दक्षिण के उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों तक फैले इस देश में कई तरह के मौसम होते हैं जो इसके कृषि पैटर्न, त्योहारों और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को परिभाषित करते हैं।

भारत में ऋतुएँ का अद्भुत संसार

भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्रकृति हर कुछ महीनों में अपने रंग बदलती है। मौसम न केवल मौसम को बदलता है बल्कि जीवनशैली, भोजन, त्यौहार और परंपराओं को भी बदलता है। वसंत की ताज़गी से लेकर सर्दियों की ठंड तक, हर मौसम का अपना आकर्षण और महत्व होता है। इस लेख में हम भारत के मौसमों के बारे में जानेंगे – जानें कि कौन सा मौसम कौन सा है, कब आता है और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

वसंत ऋतु – एक नई शुरुआत (फरवरी-मार्च)

भारत में ऋतुएँ: Spring season

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भारत में वसंत ऋतु को अक्सर वसंत ऋतु के रूप में जाना जाता है, यह एक ऐसा मौसम है जो सर्दियों की ठंड और गर्मियों की गर्मी को जोड़ता है। इस अवधि के दौरान, हवा सुखद रूप से गर्म हो जाती है, फूल बहुतायत में खिलते हैं, और जीवंत रंग परिदृश्य को भर देते हैं। रंगों का त्योहार होली जैसे त्यौहार इस समय मनाए जाते हैं, जो खुशी, नवीनीकरण और सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का प्रतीक है।

विशेषताएँ:

  • तापमान: हल्का और सुखदायक (15°C–25°C)
  • प्रकृति: खिलते फूल, चहचहाते पक्षी, हरी-भरी हरियाली
  • सांस्कृतिक आकर्षण: कई राज्यों में कृषि मौसम की शुरुआत

ग्रीष्म ऋतु (ग्रीष्म ऋतु) – झुलसाने वाला चरण (अप्रैल-जून)

भारत में ऋतुएँ: Summer season

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अप्रैल आते ही भारत में धूप की तपिश शुरू हो जाती है। ग्रीष्म ऋतु के नाम से जानी जाने वाली यह गर्मी, खास तौर पर उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में तीव्र गर्मी लाती है। राजस्थान और दिल्ली जैसी जगहों पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है।

गर्मी के बावजूद, इस मौसम में स्कूल की छुट्टियां, आम की दावतें और रथ यात्रा और बिहू जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं।

विशेषताएँ:

  • तापमान: कुछ क्षेत्रों में 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है
  • लोकप्रिय राहत: शीतल पेय, सूती कपड़े, तरबूज और आम
  • सांस्कृतिक आकर्षण: पारिवारिक छुट्टियों और हिल स्टेशन रिट्रीट के लिए समय

मानसून (वर्षा ऋतु) – वर्षा लाने वाला (जुलाई-सितंबर)

भारत में ऋतुएँ: Monsoon Season

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मानसून या वर्षा ऋतु यकीनन भारत में सबसे रोमांटिक मौसम है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून की हवाएँ पूरे देश में जीवनदायी बारिश लाती हैं, जिससे खेत, जंगल और नदियाँ फिर से जीवंत हो जाती हैं। किसान फसल बोने के लिए बारिश का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, जबकि शहरवासी खुशी और अराजकता दोनों का अनुभव करते हैं – ट्रैफ़िक जाम और कभी-कभी बाढ़ के कारण।Monsoon, or Varsha Ritu, is arguably the most romantic season in India. The southwest monsoon winds bring life-giving rains across the country, revitalizing fields, forests, and rivers. Farmers eagerly wait for the rains to begin sowing crops, while city dwellers experience both joy and chaos—thanks to traffic jams and occasional flooding.

विशेषताएँ:

  • वर्षा: केरल, कोंकण जैसे तटीय क्षेत्रों में भारी; उत्तरी मैदानी इलाकों में मध्यम
  • तापमान: सुखद 25°C–35°C तक गिर जाता है
  • सांस्कृतिक आकर्षण: रोमांटिक गाने, पकौड़े के साथ चाय और हरे-भरे परिदृश्य

शरद ऋतु (शरद ऋतु) – तूफान के बाद की शांति (अक्टूबर-नवंबर)

भारत में ऋतुएँ: Winter season

जैसे-जैसे मानसून पीछे हटता है, शरद ऋतु अपना शानदार प्रवेश करती है। आसमान साफ ​​हो जाता है, नमी कम हो जाती है और तापमान आरामदायक हो जाता है। यह सबसे पसंदीदा मौसमों में से एक है, क्योंकि यह भारत के सबसे बड़े त्योहारों जैसे दुर्गा पूजा और दिवाली की शुरुआत करता है।

विशेषताएँ:

  • तापमान: सुखद और शुष्क (20°C–30°C)
  • प्रकृति: साफ़ आसमान, सुनहरा सूर्यास्त और उत्सवी मूड
  • सांस्कृतिक आकर्षण: त्योहारों, खरीदारी और उत्सवों का मौसम

शीतकालीन (शिशिर ऋतु) – आराम करने का समय (दिसंबर-जनवरी)

भारत में ऋतुएँ: snow falls

आखिरकार, सर्दी या शिशिर ऋतु अपने ठंडे आकर्षण के साथ आती है। लद्दाख के हाड़ कंपा देने वाले तापमान से लेकर तमिलनाडु की हल्की ठंड तक, सर्दी भारत को एक शांत, आरामदायक रंग में रंग देती है। लोग अपने ऊनी कपड़े निकालते हैं, गर्म पेय पीते हैं और अलाव के चारों ओर इकट्ठा होते हैं।

देश के कई हिस्सों में यह शादियों का मौसम भी है।

विशेषताएँ:

  • तापमान: बहुत ज़्यादा बदलता रहता है (उत्तर में 0°C से लेकर दक्षिण में 25°C तक)
  • गतिविधियाँ: अलाव, सर्दियों का खाना, सांस्कृतिक मेले
  • सांस्कृतिक आकर्षण: क्रिसमस, लोहड़ी, मकर संक्रांति, गणतंत्र दिवस

भारत के मौसम सिर्फ़ मौसम से कहीं ज़्यादा हैं

भारत के पाँच मुख्य मौसम सिर्फ़ मौसम के पैटर्न को परिभाषित नहीं करते हैं – वे जीवन, परंपराओं, त्योहारों और खान-पान की आदतों को आकार देते हैं। उन्हें समझने से आपको देश की आत्मा के बारे में जानने का मौका मिलता है। चाहे आप यात्री हों, छात्र हों या जिज्ञासु पाठक, भारत का मौसमी चक्र जानने और महसूस करने लायक कहानी है।

भारत में ऋतुएँ के बारे में:

भारत में कितने मौसम हैं?

भारत में छह मौसम हैं – वसंत, ग्रीष्म, मानसून, शरद ऋतु, सर्दी और पूर्व-शीत ऋतु। हालाँकि, आम तौर पर चार मुख्य मौसमों को महत्व दिया जाता है – गर्मी, बारिश, ठंड और वसंत।

भारत में ग्रीष्म ऋतु कब आती है?

भारत में ग्रीष्म ऋतु आमतौर पर मार्च के अंत से जून के मध्य तक शुरू होती है। इस दौरान बहुत गर्मी और धूप रहती है।

मानसून या वर्षा ऋतु कब शुरू होती है?

भारत में मानसून का मौसम आमतौर पर जून के पहले सप्ताह से शुरू होता है और सितंबर तक जारी रहता है। यह कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

भारत के किस हिस्से में सबसे पहले मानसून आता है?

मानसून जून के पहले सप्ताह में केरल पहुँचता है और फिर पूरे देश में फैल जाता है

भारत में सर्दी का मौसम कब होता है?

भारत में सर्दी का मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है। उत्तर भारत में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक भी गिर सकता है।

भारत में वसंत ऋतु क्यों खास है?

संत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। यह फरवरी से अप्रैल तक होता है और मौसम सुहावना और फूलों से भरा होता है। इस मौसम में कई त्यौहार भी आते हैं।

क्या भारत में सभी ऋतुएँ एक जैसी होती हैं?

नहीं, भारत की भौगोलिक विविधता के कारण, विभिन्न क्षेत्रों में ऋतुओं का प्रभाव अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियाँ अधिक कठोर होती हैं और तटीय क्षेत्रों में मानसून अधिक होता है।

भारत में पर्यटन के लिए कौन सा मौसम सबसे अच्छा है?

शरद ऋतु (अक्टूबर से नवंबर) और वसंत ऋतु (फरवरी से अप्रैल) आमतौर पर पर्यटन के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं क्योंकि मौसम न तो बहुत गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा।

2025 में मानसून कब आया?

2025 में मानसून 24 मई को केरल तट से दस्तक दी, 1 जून से 8 दिन पहले।

2025 में मानसून समय से पहले आया था?

भारत में मानसून सबसे पहले केरल में पहुंचता है। 2025 में यह 24 मई को केरल में आया।

जल्दी मानसून आने से किसानों को क्या फायदा हुआ?

जल्दी मानसून आने से किसानों को बुवाई की प्रक्रिया समय से शुरू करने में मदद मिली, जिससे कृषि उत्पादन बेहतर होने की संभावना बनी।

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