उत्तराखंड मौसम अपडेट: बादल फटने की घटना: देहरादून, उत्तराखंड। उत्तरकाशी जिले में रविवार सुबह बादल फटने की घटना के बाद भीषण भूस्खलन हुआ, जिससे भारी नुकसान हुआ है। निर्माण कार्य में लगे 29 मजदूर भूस्खलन में बह गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया को बताया कि अब तक 20 लोगों को बचा लिया गया है, 2 शव बरामद हुए हैं और बाकी की तलाश जारी है। सीएम ने कहा कि आपदा की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य संबंधित एजेंसियां मौके पर हैं। उत्तराखंड मौसम समाचार
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज फिर से बिगड़ा, रेड अलर्ट जारी
उत्तराखंड के लोगों के लिए एक बार फिर मौसम विभाग की चेतावनी सामने आई है। प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आगामी 48 घंटों में पर्वतीय क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश देखने को मिल सकती है। इससे नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है।
उत्तराखंड के किन जिलों में ज्यादा खतरा?
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर और देहरादून समेत कई जिलों में अधिक बारिश का अनुमान है। इन इलाकों में पहाड़ी ढलानों पर रहने वाले लोगों को विशेष सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए?राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है। संवेदनशील क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम की अपडेट पर नजर रखें।
उत्तराखंड में यात्रियों और पर्यटकों को दी गई सलाह

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चल रही है, ऐसे में यात्रियों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है। स्थानीय प्रशासन द्वारा यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने और तेज बारिश के दौरान यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
भारी बारिश के क्या हो सकते हैं प्रभाव?
भारी बारिश के चलते भूस्खलन, सड़कों पर मलबा आना, पुलों का जलस्तर बढ़ना, और बिजली आपूर्ति में बाधा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासतौर पर पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
जनता से अपील
प्रदेश प्रशासन ने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही मौसम की जानकारी प्राप्त करें। आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें और आपदा की स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करें।