Uttarakhand Cloudburst LIVE: उत्तरकाशी में ही रुकेंगे CM धामी, खराब मौसम से राहत कार्य प्रभावित

 Uttarakhand Cloudburst
प्रभावित इलाके में भारी भूस्खलन और सड़कों का अवरुद्ध होना राहत कार्य में सबसे बड़ी बाधा है

इस समय उत्तरकाशी में चल रही Uttarakhand Cloudburst LIVE घटनाओं पर सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रभावित क्षेत्र में ही ठहरे हुए हैं, ताकि खराब मौसम के बीच राहत और रेस्क्यू संचालन पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी रखी जा सके।

🧭 स्थिति का अपडेट

  • धराली गाँव, उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त 2025 को सुबह 1:45 बजे एक तेज बादल फटने (cloudburst) से अचानक बाढ़ आई जिसने घरों, होटल और दुकानों को बहा दिया। कम से कम 4–5 लोगों की मौत, लगभग 50–100 लोग लापता, जिनमें भारतीय सेना के 8–11 जवानशामिल हैं ।
  • प्रभावित इलाके में भारी भूस्खलन और सड़कों का अवरुद्ध होना राहत कार्य में सबसे बड़ी बाधा है।

सीएम धामी की प्रतिक्रिया और राहत कार्य

सीएम धामी की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
सीएम धामी की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में ही रुके हुए हैं ताकि धराली समेत प्रभावित इलाकों में राहत‑बचाव अभियान की समीक्षा कर सकें। उन्होंने अधिकारियों को 24‑घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
  • उन्होंने हेलिकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बाद में धराली और हर्षिल में प्रभावित लोगों से मुलाकात की तथा आवश्यक व्यवस्थाओं का आश्वासन दिया।
  • खराब मौसम का असर
  • बारिश और खराब मौसम के कारण एयरलिफ्ट, ड्रोन, Chinook व Mi-17 वायुसेना के हेलिकॉप्टर समय पर नहीं उड़ पा रहे हैं। इससे राहत बलों की मदद सीमित हो रही है।
  • साथ ही मोबाइल और बिजली टॉवर्स क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी बाधित हुई है; रेस्क्यू टीमों को सैटेलाइट फोन का सहारा लेना पड़ रहा है ।

खराब मौसम का असर

  • बारिश और खराब मौसम के कारण एयरलिफ्ट, ड्रोन, Chinook व Mi-17 वायुसेना के हेलिकॉप्टर समय पर नहीं उड़ पा रहे हैं। इससे राहत बलों की मदद सीमित हो रही है।
  • साथ ही मोबाइल और बिजली टॉवर्स क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी बाधित हुई है; रेस्क्यू टीमों को सैटेलाइट फोन का सहारा लेना पड़ रहा है ।

बचाव व राहत प्रयास

भारतीय सेना, NDRF, SDRF, ITBP, और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्य चला रहे हैं।
भारतीय सेना, NDRF, SDRF, ITBP, और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्य चला रहे हैं।
  • भारतीय सेनाNDRFSDRFITBP, और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्य चला रहे हैं।
  • जमीनी स्तर पर 150 से अधिक सैनिक, ड्रोन, खोजी कुत्ते, ज़िपलाइन्स, earth-moving मशीनों और अस्थायी पुलिया बनाकर बचाव ऑपरेशन तेज गति से जारी है।
  • अब तक लगभग 130‑150 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं, और घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर हर्षिल कैंप तथा AIIMS ऋषिकेश में इलाज के लिए भेजा गया है ।
  • राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये राहत कोष की घोषणा की है, और विभिन्न संस्थान प्रभावितों को भोजन, आश्रय एवं चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं ।

आगे की चुनौतियाँ और चेतावनी

  • मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है—अगले 24-48 घंटों में और बारिश की संभावना बनी हुई है।
  • भूस्खलनसड़क टूटना, और अलग-अलग आपदा‑प्रवण क्षेत्र बंद होना राहत कार्य की प्रगति में रोक डाल रहे हैं। केंद्रीय और राज्य एजेंसियां मिलकर इन चुनौतियों को हल करने में लगी हैं

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