उत्तराखंड में फिर बरसे बादल: जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तराखंड के कई जिलों में एक बार फिर मानसून ने कहर बरपा दिया है। खासकर राजधानी देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत और पिथौरागढ़ जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और भी तेज़ बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थानीय प्रशासन और आम लोग दोनों ही अलर्ट मोड पर हैं।
56 सड़कें बंद: मलबा बना बाधा
बारिश के साथ ही भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। विभिन्न इलाकों में भारी मलबा सड़कों पर आ गया है जिससे 56 प्रमुख सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। इससे न केवल यात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं पर भी असर पड़ा है।
स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ींग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग इस स्थिति से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों, अस्पताल जाने वाले मरीजों और रोज़मर्रा के कामों के लिए आने-जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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“सुबह से मलबा हटाने की कोशिश हो रही है, लेकिन बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही,” — देहरादून के पास के एक ग्रामीण निवासी ने बताया।
प्रशासन अलर्ट मोड पर: SDRF तैनात
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज़ कर दिए गए हैं। SDRF और लोक निर्माण विभाग की टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। जिन इलाकों में सड़कें बंद हुई हैं, वहां वैकल्पिक मार्गों को चिन्हित किया जा रहा है।
यात्रियों के लिए जरूरी सलाह
- अनावश्यक यात्रा से बचें, विशेषकर पहाड़ी इलाकों की ओर।
- मौसम विभाग की वेबसाइट और लोकल अलर्ट पर नज़र रखें।
- पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या हो सकती है, इसलिए पहले से योजना बनाकर निकलें।
सावधानी ही सुरक्षाउत्तराखंड की खूबसूरत वादियां जब इस तरह की आपदा से जूझती हैं, तो एक बात साफ़ होती है — प्रकृति की ताकत के सामने इंसान को हमेशा सजग और तैयार रहना चाहिए। प्रशासन से लेकर आम नागरिकों तक, सभी को इस समय संयम और सावधानी बरतने की ज़रूरत है।