(Uttarkashi cloudburst )उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भीषण आपदा के बाद दूसरे दिन (7 अगस्त 2025) राहत और बचाव कार्यों ने गति पकड़ी है। बादल फटने के इस हादसे ने न सिर्फ दर्जनों घरों और संरचनाओं को मलबे में दबा दिया, बल्कि कई जिंदगियों को भी संकट में डाल दिया। हालांकि अब जब मौसम खुला, तो हेली रेस्क्यू ऑपरेशन के ज़रिए लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य तेज़ी से जारी है। राहत टीमों की सतत मेहनत और सरकार की सक्रियता से जिंदगी की तलाश में आस की एक किरण जगी है।
🌪️ आपदा का दूसरा दिन: राहत की शुरुआत

धराली और हर्षिल क्षेत्र में मंगलवार को आए बादल फटने (uttarkashi Cloudburst) की वजह से हुए सैलाब ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। भारी बारिश और मलबे के कारण गंगोत्री हाईवे का 100 मीटर से अधिक हिस्सा धंस गया, जिससे प्रशासनिक और राहत दल घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाए।
बुधवार सुबह जब मौसम थोड़ा खुला, तब दो हेलीकॉप्टरों ने भटवाड़ी हेलीपैड से उड़ान भरकर धराली में राहत सामग्री, खाद्यान्न और बचाव उपकरणपहुँचाए। इसी दौरान सेना के दो जवानों को घायल अवस्था में हायर सेंटर भेजा गया।
🚁 हेली रेस्क्यू ऑपरेशन: जीवन की जद्दोजहद

बुधवार को धराली में हेली रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ी से चलाया गया। सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें हेलिकॉप्टरों के माध्यम से मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटीं रहीं। इस ऑपरेशन में अब तक:
- दो और शव मिले, जिससे मृतकों की संख्या 6 हो गई है।
- हर्षिल में फंसे 11 जवानों समेत 13 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है।
- सेना के 10 जवान, आठ स्थानीय युवक, और दो नेपाली मूल के व्यक्ति अभी भी लापता हैं — प्रशासन का कहना है कि यह संख्या और बढ़ सकती है।
🚁 LIVE अपडेट्स का सारांश (07 अगस्त 2025):
🕗 08:06 AM — हर्षिल राहत कैंप से नौ यात्री हेली से मातली लाए गए
हर्षिल राहत शिविर में रुके नौ यात्रियों को हेलीकॉप्टर से मातली स्थान पर लाया गया है। यह प्रशासनिक समन्वय और राहत प्रयासों का सकारात्मक संकेत है।
🕖 07:56 AM — सीएम धामी ने राहत कार्यों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह उत्तरकाशी पहुंचकर:
- एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की
- हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए
- सड़क, संचार, बिजली, खाद्यान्न और पेयजल आपूर्ति की समीक्षा की
- सभी राहत कर्मियों के साहस, समर्पण और कार्यकुशलता की सराहना की
सीएम ने कहा, “रेस्क्यू ऑपरेशन में 24 घंटे जुटे सभी दलों का समर्पण आपदा प्रबंधन में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।”
🕖 07:37 AM — गंगोत्री हाईवे क्षतिग्रस्त
गंगोत्री हाईवे कई स्थानों पर ध्वस्त हो चुका है। बड़ी चट्टानों के गिरने से भटवाड़ी क्षेत्र में मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। डीएम और एसपी भी पैदल आगे नहीं जा पाए। इस कारण बचाव और राहत अभियान में विलंब हुआ, लेकिन हेलीकॉप्टरों के ज़रिए विकल्प निकाला गया।
🏗️ भौगोलिक चुनौतियाँ: राहत में बाधाएँ

- भूस्खलन ने कई मार्ग अवरुद्ध कर दिए हैं।
- बिजली, मोबाइल नेटवर्क और जलापूर्ति बाधित हैं।
- भारी मलबा हटाने के लिए अब सेना के हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी पहुँचाई जा रही है।
- आइटीबीपी, एनडीआरएफ और पुलिस दल चट्टानों के गिरने के कारण कुछ क्षेत्रों में फंसे हैं।
🧭 लापता लोगों की तलाश जारी
प्रशासन ने पुष्टि की है कि:
- अब भी 20 लोग लापता हैं (10 सेना के जवान, 8 स्थानीय युवा, 2 नेपाली नागरिक)।
- रातभर भी सर्च ऑपरेशन जारी रहा, मौसम खुलते ही फिर तेज़ी से अभियान शुरू किया गया।
🤝 मुख्यमंत्री का मोर्चे पर डटे रहना
सीएम धामी आपदा की सूचना मिलते ही उत्तरकाशी के प्रभावित क्षेत्रों में पहुँच गए। उन्होंने न केवल राहत समीक्षा की, बल्कि स्वयं:
- हेलीकॉप्टर से सर्वेक्षण
- प्रभावितों से बातचीत
- अधिकारियों को निर्देश
- राहत शिविरों का दौरा किया
उन्होंने कहा, “जब तक हर नागरिक सुरक्षित नहीं हो जाता, राहत कार्य नहीं रुकेंगे। सरकार आपके साथ खड़ी है।”
📦 राहत की आपूर्ति
- भटवाड़ी हेलीपैड से रोज़ाना राहत सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।
- पानी, दवाइयाँ, सूखा राशन, कंबल और टेंट भेजे गए हैं।
- स्थानीय प्रशासन ने अस्थायी शिविर लगाए हैं।
- डॉक्टरों की टीमें मौके पर मौजूद हैं।
🌧️ मौसम की स्थिति और चेतावनी
हालांकि बुधवार को मौसम साफ हुआ, लेकिन अगले 48 घंटों में फिर से हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि:
- पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बरकरार है।
- नदी-नालों से दूर रहें।
- प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
🙏 जनता और देश की प्रतिक्रिया
इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। सोशल मीडिया पर #UttarkashiRescue ऑपरेशन ट्रेंड कर रहा है। बॉलीवुड हस्तियों और समाजसेवियों ने संवेदना जताई है:
- उर्वशी रौतेला ने कहा, “मेरे राज्य के लोग अकेले नहीं हैं। मैं उनके साथ हूं।”
- सोनू सूद और भूमि पेडनेकर ने भी राहत कार्य में योगदान देने की अपील की है।
🔚 निष्कर्ष: अभी भी उम्मीद ज़िंदा है
धराली और हर्षिल में आई आपदा के बाद, भले ही सैकड़ों ज़िंदगियाँ प्रभावित हुई हों, लेकिन प्रशासन, सेना और बचाव दलों की मेहनत ने यह सिद्ध किया है कि संघर्ष की घड़ी में मानवता सबसे बड़ा हथियार है।
हेली रेस्क्यू ऑपरेशन, सीएम धामी की तत्परता, और राहत टीमों की वीरता के चलते उम्मीद की एक नई सुबह सामने आई है। उत्तरकाशी फिर से उठेगा, और यह संकट भी पीछे छूट जाएगा — लेकिन जो जज़्बा दिखा है, वह इतिहास में दर्ज हो जाएगा।