
![]() Today 72° 64° Cloudy; morning rain, heavy at times followed by a couple of thundershowers this afternoon![]() Thursday 80° 66° Mostly cloudy with occasional rain in the afternoon |
🌦️ आज का मौसम (Aj Ka Mausam)
आज, 6 अगस्त 2025 को, उत्तरकाशी में मौसम मुख्यतः बादलों से घिरा हुआ है। सुबह से ही हल्की बारिश हो रही थी, लेकिन दोपहर तक काफी तेज बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। बादल के साथ बिजली चमकने और गरज के साथ मेघभंग की स्थिति बनी—जिससे धाराली क्षेत्र में बादल फटने (cloud brust) की घटनाएँ घटीं। दिन का तापमान लगभग 22 °C और न्यूनतम 18 °C के बीच रहा।
यह वही वर्षा थी जिसको मौसम विभाग द्वारा रिकॉर्ड किया गया: लगभग 27 मिमी बारिश एक घंटे से कम समय में दर्ज की गई, लेकिन विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि यह तकनीकी रूप से बादल फटना नहीं माना जा सकता क्योंकि उसके लिए 100 मिमी या उससे अधिक एक घंटे में होना चाहिए
🌧️ कल का मौसम (Kal Ka Mausam)
कल, 7 अगस्त 2025 को मौसम का पूर्वानुमान कुछ इस प्रकार है:
- दिन का तापमान अधिकतम लगभग 26 °C, न्यूनतम 19 °C।
- मौसम ज्यादातर बादलदार रहेगा, दोपहर के बाद मौसम बनता है बारिश का, हल्के से मध्यम स्तर की बौछारों के अनुमान हैं।
इस प्रकार, अभी भी मॉनसून सक्रिय है और सतर्क रहने की आवश्यकता बनी हुई है।🌧️ मौसम जानकारी
मौसम की जानकारी (mausam ki jankari): विस्तृत विवरण
उत्तरकाशी की वर्तमान मौसम व्यवस्था निम्न है:
- मॉनसून गतिविधियाँ: अगस्त माह में शिखर पर, मानसून की बारिश अक्सर तीव्र रूप ले लेती है। इस बार भी अधिक बारिश की वजह से कई क्षेत्रों में भूस्खलन, सैलाब और बादल फटने की घटनाएँ सामने आईं।
- मौसम विभाग की चेतावनी: IMD ने अलर्ट जारी किया है कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की स्थिति बनी रहेगी, विशेषकर गंगोत्री रूट, हरसिल, धराली और आसपास के क्षेत्रों में। नदी स्तर बढ़ने की भी सूचना दी गई है।
- वास्तविक घटना: तकनीकी दृष्टि से बादल फटने का वैज्ञानिक डेटा नहीं था, लेकिन अचानक गिरी भारी बारिश और ग्लेशियल झीलों से पानी जुटने से सैलाब उत्पन्न हुआ, जिसे बाद में ‘cloud brust’ घटना के रूप में समझा जा रहा है
Uttarakashi cloud brust की घटना (Uttarakashi cloud brust)
घटना का संक्षिप्त विवरण
- दिनांक: 5 अगस्त 2025।
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला, धराली गांव, हरसिल के पास।
- असल कारण: खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अचानक आए पानी के सैलाब (जिसे बादल फटने की घटना भी बताया जा रहा है) से तबाही फैली ।
क्या-क्या हुआ?
- एक तेज आवाज के साथ दोपहर करीब 1:45 बजे पहाड़ी से मलबा और पानी का सैलाब नीचे आया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नदी का चौड़ाई 10 मीटर से बढ़कर 30 मीटर तक पहुँच गया और पूरे गांव को कुछ ही सेकेंडों में बहा ले गया ।
प्रभाव और तबाही
- कम से कम 4‑5 लोगों की मौत हुई।
- 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिसमें 11 भारतीय सेना के जवान शामिल हैं।
- 150‑200 लोग बचाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत। मुख्य मंत्री ने कहा कि लगभग 190 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं ।
- 1500 साल पुराना कल्प केदार मंदिर मिट्टी और मलबे में दफ़न हो गया, स्थानीय आस्था को बड़ा आघात पहुँचा।
- राहत कार्य धीमे चल रहे हैं क्योंकि सड़कें टूट गईं, बिजली और मोबाइल नेटवर्क बाधित हुआ, पानी–भोजन–वैद्यकीय सुविधा की कमी महसूस होने लगी ।
बचाव और प्रशासनिक कदम
- एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, ITBP, भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत‑बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
- अतिरिक्त MI‑17 और Chinook हेलिकॉप्टर हरिद्वार एवं सरसावा में तैनात किए गए ताकि संपर्क टूटने पर हवा से मदद पहुँचाई जा सके।
- हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और सरकार ने 20 करोड़ रुपये राहत कोष की घोषणा की है
हाल की घटना – उत्तरकाशी, धराली गांव (5 अगस्त 2025)

- 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी ज़िले के धराली गाँव में हुए एक या दो बादल फटने (Cloudburst) के कारण भीषण फ्लैश फ्लड और मलवा प्रवाह आया।
- इस आपदा में कम से कम 5 लोग मारे गए, और 50–100 से अधिक लोग लापता हैं ।
- घटना दोहराई जाती है—पहला क्लाउड ब्रस्ट तथा उसके तुरंत बाद सुखी टॉप (Sukhi Top) में दूसरा क्लाउड‑ब्रस्ट, जिसके कारण दूसरी तबाही भी देखी गई ।
क्षति और राहत कार्य

- धराली गाँव लगभग पूरी तरह से बह गया, कई होटल, घर और दुकानें बह गईं। कम से कम 20–25 होटल/होमस्टे नष्ट हुए और अनेक इमारतें मलबे में दब गईं
- 190 से अधिक लोगों को बचाया गया है, जिसमें सेना, NDRF, SDRF, ITBP की टीमें शामिल हैं
- 11 सैनिक अभी भी लापता बताए जा रहे हैं; प्रभावित इलाकों में सड़कें और रेलवे मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं, राहत कार्य जारी हैं
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रधानमंत्री की निगरानी, वायुसेना और सेना की मदद से राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से चल रहा है
विशेषज्ञों की बातें
कुछ मौसमविद और भूगर्भ विशेषज्ञ यह कहते हैं कि प्रभावित क्षेत्र में भारी बारिश नहीं हुई थी (~27 मिमी माना गया), और सटीक कारण हो सकता है कि यह एक छोटे ग्लेशियल तालाब (glacial pond) के फटने के कारण हुआ हो, न कि शुद्ध क्लाउड ब्रस्ट के कारण