मानसून ने जोरदार प्रहार किया: रेड अलर्ट का क्या मतलब है
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने तीन राज्यों – महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है – क्योंकि पश्चिमी भारत में मानसून की गतिविधि तीव्र है। यह IMD की मौसम चेतावनी प्रणाली में उच्चतम स्तर है और इसका मतलब है कि बहुत भारी बारिश हो सकती है जिससे बाढ़, भूस्खलन और दैनिक जीवन में व्यवधान हो सकता है।

क्षेत्रवार प्रभाव और वर्षा
महाराष्ट्र
मुंबई, रत्नागिरी और कोल्हापुर में पिछले 24 घंटों में 150 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी है। लोकल ट्रेनें देरी से चल रही हैं और निचले इलाकों में पानी भर गया है।
गोवा
गोवा के तटीय क्षेत्र, खासकर पणजी और मडगांव में कल रात से लगातार बारिश हो रही है। पर्यटन गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
कर्नाटक
उडुपी, मंगलुरु और चिक्कमगलुरु सहित कर्नाटक के तटीय और मलनाड क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है। अधिकारी खासकर पश्चिमी घाट में नदी के जल स्तर की निगरानी कर रहे हैं।
सुरक्षा सलाह: क्या करें
- अगले 48 घंटों तक बाढ़ प्रभावित या पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने से बचें।
- हर घंटे अपडेट के लिए स्थानीय समाचार और मौसम ऐप पर नज़र रखें।
- सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल पूरी तरह चार्ज हो और आपातकालीन नंबर अपने पास रखें।
- मछुआरों और तटीय निवासियों के लिए: यदि जारी किए गए निकासी प्रोटोकॉल का पालन करें।
आगे की ओर देखें: इस सप्ताह बारिश जारी रहेगी
IMD पूर्वानुमान के अनुसार अगले 72 घंटों में बारिश बहुत ज़्यादा होगी। मॉनसून की कम दबाव वाली रेखा सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर है, जिसका मतलब है कि अरब सागर से नमी वाली हवाएँ आ रही हैं।
मानसून के चरम पर होने के कारण, इन क्षेत्रों के निवासियों को सावधानी बरतनी चाहिए। रेड अलर्ट प्रकृति की ओर से एक चेतावनी है – इसका सम्मान करें और तदनुसार तैयारी करें, इससे जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है।